तब काग़ज़ काग़ज़ था मैं मैं थाऔर कलम कलम मगर जब लिखने बैठा तो तीन नहीं रहे हम एक हो गए
Friday, June 29, 2012
Why I write-Bhavani Prasad Mishra
मैं क्यों लिखता हूँ-भवानी प्रसाद मिश्र
मैं कोई पचास-पचास बरसों से
कविताएँ लिखता आ रहा हूँ
अब कोई पूछे मुझसे
कि क्या मिलता है तुम्हें ऐसा
कविताएँ लिखने से
जैसे अभी दो मिनट पहले
जब मैं कविता लिखने नहीं बैठा था
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