इंद्रधनुष से पंखों वाली
उड़ती फिरती आती तितली
फूलों की पंखुडि़यों से मिल
दिन भर है बतियाती तितली
पुष्प के रस की ये शौकीन
बिन इसके न रह पाती तितली
फूलों में है इसका जीवन
उन पर ही मंडराती तितली
पौधों के पत्तों पर बैठी
छोटे अंडे दे जाती तितली
अंडों में से निकलते लार्वा को देख
बहुत इठलाती तितली
लार्वा जब पत्तों को खाकर
कैटरपिलर बन जाता है
तो वह एक अनोखा
रेशमी ककुन बनाता है
रेशमी धागे से पत्ते पर चिपककर
वह गहरी नींद सो जाता है
और कुछ दिनों में ही
एक सुंदर तितली बन जाता है
अब आपने ये जाना है कि दुनिया में कैसे आती तितली
अपने सुंदर रंगों से सबका मन बहलाती तितली
पंख है इसके इतने नाजुक
छूने पर कुम्हला जाती तितली
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