Saturday, June 23, 2012

ibrahim jauk

जाहिद शराब पीने से काफिर हुआ मैं क्यों, क्या डेढ चुल्लू पानी में ईमान बह गया।
अब तो घबरा के कहते हैं मर जायेंगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे।
जब तक मिले न थे जुदाई का था मलाल, अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई।
अब्राहिम जोंक

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