रिजाउल करीम ने 1930 में ‘वंदे मातरम् और आनंद मठ’ की समीक्षा में लिखा कि ‘यह गूंगा को जबान और कलेजे के कमजोर लोगों को साहस देता है।’ उन्होंने यह भी लिखा कि बंकिमचंद्र ने इस गीत से देशवासियों को चिरकालिक उपहार दिया।
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कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
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