Wednesday, November 6, 2013

Market-Bazar


बाज़ार में से गुज़रा हूँ पर खरीद के लिए (मतलब बिकने के लिए) तैयार नहीं हूँ............
अब बिक तो आदमी भी रहा है, कही चाहे कही अनचाहे
कभी इंसान, इंसान को खरीद लेता है, कभी सम्मान खरीद लेता है............

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