आजादी के बाद से ही पाकिस्तानी नेतृत्व ने अपनी सेना को भारत के बराबर लाने का प्रयास किया, ‘बराबरी की यही कोशिश पाकिस्तान की आंतरिक शिथिलता के लिए आंशिक तौर पर जिम्मेदार है।’
-हुसैन हक्कानी, अमेरिका में पूर्व पाकिस्तानी राजदूत, अपनी नई पुस्तक ‘मैग्नीफिसेंट डिल्यूसंस’ में
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