किसी भी व्यक्ति का आचरण, उसकी नैतिकता, मूल्य बोध और सामाजिकता के निर्वहन पर निर्भर करता है, स्त्री-पुरुष होने से उसमे कोई अंतर नहीं आता । पुरुष है तो फिसलेगा और स्त्री नहीं, ऐसा माना जा सकता है पर स्त्री का सब कुछ सही, ऐसा भी तो नहीं कहा जा सकता ।
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