Friday, January 10, 2014

Delhi in Urdu (उर्दू में दिल्ली)





सवाद ए-रौमत-उल-कुबरा में दिल्ली याद आती है 
वही इबरत वही अज्मत वही शान-ए-दिल-आवेजी 
-मोहम्मद इकबाल

जिस राह से वो दिल-जदा दिल्ली से निकलता
साथ उस के कयामत का सा हंगामा रवां था
-मीर तकी मीर

खंदा-जन है गुंचा-ए-दिल्ली गुल-ए-शीराज पर
आह तू उजड़ी हुई दिल्ली में आरामीदा है
-मोहम्मद इकबाल

शिकवा-ए-आबला अभी से ’मीर’
है प्यारे हनूज दिल्ली दूर
-मीर तकी मीर

है अब इस मामूरे में कहत-ए-गम-ए-उल्फत ’असद’
हम ने ये माना कि दिल्ली में रहें खावेंगे क्या
-मिर्जा गालिब

दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है
जो भी गुजरा है उस ने लूटा है
-बशीर बद्र

इन दिनों गरचे दकन में है बड़ी कद्र-ए-सुखन
कौन जाए ’जौक’ पर दिल्ली की गलयां छोड़ कर
-जौक शेख इब्राहीम

’अमीर’ ओ दाग तक ये इम्तियाज ओ फर्क था ’अहसन’
कहां अब लखन्ऊ वाले कहां अब दिल्ली वाले हैं
-अहसन मारहरवी

मोमिन ये लाफ-ए-उल्फत-ए-तक्वा है क्यूं मगर
दिल्ली में कोई दुश्मन-ए-ईमां नहीं रहा
-मोमिन खान मोमिन

दिल्ली कहां गई तिरे कूचों की रौनकें
गलियों से सर झुका के गुजरने लगा हूं मैं
-जां निसार अख्तर





















No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...