Friday, August 22, 2014

सुशील कुमार-दिल्ली सरकार का ब्रांड एम्बेस्डर


दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग ने दिल्ली सरकार के खेल बजट की राशि को दोगुना करने के साथ कुश्ती के खिलाड़ी सुशील कुमार को दिल्ली सरकार का ब्रांड एम्बेस्डर बनाने की भी घोषणा की। श्री जंग ने यह बात ग्लासगो में हुए राष्ट्रमंडल खेल 2014 में दिल्ली के पदक विजेताओं के शानदार प्रदर्शन को लेकर आयोजित सम्मान समारोह में कही। दिल्ली शिक्षा निदेशालय की खेल शाखा ने इस सम्मान समारोह का आयोजन दिल्ली सचिवालय के सभागार में किया था।
इस अवसर पर श्री जंग ने कहा कि यह बहुत गर्व का विषय है कि दिल्ली के आठ खिलाडि़यों ने ग्लासगो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2014 में पदक जीतकर न केवल देश का बल्कि दिल्ली का भी नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि श्री सुशील कुमार, श्री अमित दाहिया, श्री योगेश्वर दत्त के अथक प्रयासों के कारण मिले स्वर्ण पदक देश के लिए एक स्वर्णिम घड़ी है। इसी तरह श्री बजरंग कुमार, श्री राजीव कुमार, सुश्री श्रेयसी सिंह ने रजत पदक और श्री मानवजीत सिंह संधू और श्री पवन कुमार ने कांस्य पदक जीतकर राजधानी के उभरते होनहार खिलाडि़यों में हमारे विश्वास को सुदृढ़ किया है। इन आठ खिलाडि़यों में से छह पहलवान और दो निशानेबाज हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि इन खिलाडि़यों ने इस बात को साबित किया है कि कम पैसे के बावजूद हिंदुस्तान खेल की दुनिया में अच्छा कर सकता है। उन्होंने कहा कि इन युवा खिलाडि़यों की विनम्रता से उनके व्यक्तित्व का अंदाजा लगता है और यही खेल की खासियत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी जीत का यह सिलसिला कायम रहेगा और दिल्ली के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक जीतकर तिरंगे को फहराएगें।
इस अवसर पर दिल्ली के मुख्य सचिव श्री एस. के श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी में उभरते युवा खिलाडि़यों को हर संभव सहायता देने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है जिससे वे आगामी ओलांपिक और एशियाई खेलों में देश के लिए पदक जीत सकें।
दिल्ली सरकार के नवघोषित ब्रांड एम्बेस्डर श्री सुशील कुमार तीन बार देश की ओर से ओलांपिक खेलों (एथेंस ओलांपिक 2004, बीजिंग ओलांपिक 2008 और लंदन ओलांपिक 2012) में कुश्ती के 66 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में भाग ले चुके हैं। वे दो ओलांपिक खेलों में लगातार पदक जीतने वाले देश के अकेले पहलवान हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव शिक्षा श्री अनिंदो मजूमदार, निदेशक शिक्षा श्रीमती पद्मिनी सिंगला और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
                               

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