यह ऐसे ही है, जैसे कॉलेज लेक्चरर के सामने कॉलेज मैनेजमेंट से लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खड्ड होते हैं, जिसे पर करके उसे छात्रों को 'ज्ञान' देना होता है यानि दुविधाग्रस्त शिक्षक से छात्र समाधान की आशा रखते हैं. छात्रों को क्या भला पता होता है कि जिससे वे भविष्य का रोडमैप सीखने का मन बनाए हुए हैं वहीं अपने भविष्य के प्रति शंकाकुल है!
सो, जीवन में भ्रम बना रहे तो ही बेहतर नहीं तो जीवन बीतेगा नहीं काटना पड़ता है.
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