Saturday, August 16, 2014

Forget-M.S. Golwalkar


'जो हुआ उसे बिसरा दें. ऐसा करने वाले हमारे अपने हैं. अगर जीभ, दांतों में आ जाए तो हम उन्हें दंडित करने के लिए दांत नहीं तोड़ देते. भूल जाओ.' 
-माधव सदाशिव गोलवलकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक, कारागार में 19 महीने की रिहाई के बाद
 ‘Forget all that happened. Those who did it are our people. If the tongue is caught between the teeth, we don’t break the teeth to punish them because the teeth are also ours. Forget it.’”
 -M.S. Golwalkar, Second Sarsanghchalak of the Rashtriya Swayamsevak Sangh, after release from 19 months in jail

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