Wednesday, December 11, 2013

MIG-21



1971 के भारत-पाक युद्ध की दिशा बदल देने वाले मिग-21 एफएल लड़ाकू जेट विमान आज सदा के लिए इतिहास का हिस्सा बन जाएगा।
मौजूदा दिनों के विमानों में मिग-21 की दक्षता के मेल वाला कोई विमान नहीं है। मिग-21 विमान ने वायुसेना में ‘सुपरसोनिक युग’ की शुरुआत करने वाले और सटीक निशाना साधने की क्षमता के चलते लंबी अवधि तक लड़ाकू दस्ते का आधारस्तंभ बना रहा।
पश्चिम मेदिनीपुर में कलाईकुंडा वायुसैनिक केंद्र में सबसे युवा ऑपरेशनल कंवर्सन यूनिट पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल नागराजन ने मिग-21 एफएल के फॉर्म 700 (किसी विमान का डॉक्यूमेंट लॉग) को वायुसेना प्रमुख के सुपुर्द किया। इसके साथ प्रतीकात्मक तौर पर वायु सेना के इतिहास की एक लंबी कहानी पर पर्दा गिर गया।

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