तुलसीदास ने ‘बेचहिं बेद धर्म दुहि लेहिं’ और ‘परहित सरस धर्म नहीं दोऊ’ लिखकर बिक्री वाले धर्म से सच्चे लोकधर्म को अलग किया था।
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कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
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