दैनिक जागरण, 04022017 |
Saturday, February 4, 2017
Padmini_No fiction but a historical fact_आख्यान या इतिहास: रानी पद्मिनी का सच!
कुछ आधुनिक इतिहासकारों ने इस कहानी को अनैतिहासिक कहकर अनेक कारणों से अस्वीकार किया है। पहला, अमीर खुसरो ने इस विषय में कुछ नहीं लिखा है। दूसरा, अन्य तत्कालीन लेखकों ने भी इसका उल्लेख नहीं किया है। कहानी मलिक मुहम्मद जायसी की लिखी हुई है, जिसने अपना "पद्मावत" 1540 में लिखा और सभी परवर्ती लेखकों ने उसी का अनुसरण किया।
ये तर्क अमीर खुसरो के ग्रंथों के उथले अध्ययन पर अवलम्बित है और युक्तिसंगत नहीं है। अमीर खुसरो अवश्य इस घटना की ओर संकेत करता है जबकि वह अलाउद्दीन की सुलेमान से तुलना करता है, सैबा को चित्तौड़ के किले के भीतर बताता है और अपनी उपमा उस 'हुद-हुद' पक्षी से देता है, जिसने यूथोपिया के राजा सुलेमान को सैबा की सुन्दर रानी विकालिस का समाचार दिया था।
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