दैनिक जागरण_17062017 |
Saturday, June 17, 2017
Rajo ki bain_राजो की बैन_water body
यह इमारत चार मंजिला है। इसके चारों ओर कमरे बने हुए हैं, जिनका उपयोग किया जा सकता है। इतिहासकार परसीवल स्पीयर ने अपनी पुस्तक “दिल्लीःइट्स मान्यूमेंट एंड हिस्ट्री” में लिखा है कि एक समय में इस बावड़ी को सूखी बावड़ी भी कहा जाता था, क्योंकि इसमें पानी नहीं रह गया था। इस बावड़ी के साथ एक मस्जिद भी बनी हुई है। यह बावड़ी दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा महरौली क्षेत्र में विकसित किए गए पुरातात्विक पार्क में स्थित है। जमाली कमाली से करीब आधा किलोमीटर उत्तर-पश्चिम की ओर चलने पर यह बावड़ी मिलती है।
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