वह मानस, जो किसी मुल्क का इतिहास नये ढंग से लिखता है.शायद भारत में है ही नहीं.
इसी चीन पर पंडित नेहरू ने यकीन किया था और भारत मेंदिल्ली के अंदर 30 एकड़ जमीन चीनी दूतावास के लिए मुहैया करायी थी. सबसे अधिक जमीन इसी दूतावास को मिली.
source-http://www.prabhatkhabar.com/news/harivansh-ke-kalam-se/story/153222.html
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