Wednesday, June 29, 2016

इस्तनाबूल हवाई अड्डे पर हमला_istanbul airport blast

इस्तनाबूल हवाई अड्डे पर हमला!

सच को देखते हुये, भुगतते हुये भी न मानना इंसानी दोगलेपन की इंतेहा है। 

अब अगर ऐसे एक अकेले इंसान की बात हो तो दीगर समझ में आती है, यहाँ तो पूरी की पूरी जमात है। आँखों वाले अंधों की। 

व्यक्ति से समाज और प्रदेश से देश, चहुओर यही घटाघोप है।

व्यष्टि से समष्टि तक जन्नत से लेकर सामूहिक जेहाद तक एक कुत्सित मानसिकता उजागर होती है! 

एक व्यक्ति का स्वार्थ, एक समूह का।

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