इसमें वह लिखती हैं: इससे हमें आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि यातायात और संचार क्षेत्र में क्रांति ने तीर्थयात्रियों की संख्या को बढ़ावा दिया है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रवाह के चलते कम होना दूर उल्टे तीर्थयात्रा ने नई उर्जा ग्रहण की है। इंटरनेट, तिरूपति या वैष्णोदेवी की वेबसाइट के माध्यम से कोई पूजा और विशेष दर्शनों हेतु बुकिंग कर सकता है तथा धर्मशाला में अपना आरक्षण भी करा सकता हैं। यदि कोई किसी कारण से यात्रा पर नहीं जा पाए, तो भी वह तिरूपति मंदिर से प्रात: सुप्रभातम् सुन सकता है और ऑनलाइन दर्शन तथा दान हेतु भी सम्पर्क उपलब्ध है। तीर्थयात्री इंटरनेट के माध्यम से हिमालय स्थित चारधाम यात्रा या अनगिनत अन्य तीर्थस्थलों, पहाड़ों पर स्थित बदरीनाथ से लेकर दक्षिण में तमिलनाडू के रामेश्वरम तक के बारे में अच्छा पैकेज पा सकते हैं।”
Monday, January 28, 2013
India: A Sacred Geography
हार्वर्ड की विद्वान डायना एल एक्क की पुस्तक ‘सेक्रिड जियोग्राफी‘, ने भारत को ”कैपिटेल ऑफ दि टेक्नालॉजी रिवोल्यूशन” (प्रौद्योगिकी क्रांति की राजधानी) के रूप में वर्णित किया है। डायना एक्क की पुस्तक के अंतिम अध्याय का शीर्षक ”ए पिलग्रिम्स इण्डिया टूडे” (एक तीर्थयात्री का वर्तमान भारत) है।
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