Thursday, January 10, 2013

Kalam: Bhavani prasad mishra

कलम अपनी साध
और मन की बात बिल्कुल ठीक कह एकाध।
यह कि तेरी-भर न हो तो कह,
और बहते बन सादे ढंग से तो बह।
जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख,
और इसके बाद भी हमसे बड़ा तू दिख।
(कवि:भवानीप्रसाद मिश्र)

No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...