Thursday, May 30, 2013

History-Nirmal Verma





इतिहास का अपराध-बोध कितना हास्यास्पद हो सकता है, यह इससे विदित होता है, कि वे लोग जो एक समय में ‘इतिहास की दुहाई’ देते फिरते थे, वे आज उससे मुँह चुराने लगे हैं, मानो वह कोई प्रेत हो जिससे वह जल्द से जल्द अपना पिण्ड छुड़ाना चाहते हों मार्क्स ने कभी कम्यूनिज़्म को यूरोप का प्रेत कहा था; तब कौन सोचता था कि एक दिन स्वयं कम्यूनिज़्म के लिए इतिहास एक प्रेत बन जाएगा ?

-निर्मल वर्मा (आदि, अन्त और आरम्भ)

No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...