लोहिया ने कहा था कि चीन, तिब्बत पर अपना आधिपत्य जताने और जमाने के लिए तो अंग्रेजों को गवाह बनाता है, पर उन्हीं अंग्रेजों की ओर से तैयार मैकमोहन रेखा को चीन नहीं मानता।
एक और दिलचस्प प्रकरण लोहिया ने लोकसभा में उठाया था। उन्होंने कहा था कि तिब्बत स्थित मनसर नामक गांव के लोग भारत सरकार को सन 1962 तक राजस्व देते थे। मनसर भारत-तिब्बत सीमा से 200 मील अंदर तिब्बत में है। इस पर कांग्रेस के वामपंथी सदस्य शशि भूषण ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह राजस्व लोहिया जी को ही मिलता होगा। लोहिया ने जांच की मांग की। सरकार ने जांच कराई। लोहिया की बात सही पाई गई।
स्रोत: http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/1-2009-08-27-03-35-27/43601-2013-05-01-03-12-11
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