पूरे चीनी साहित्य में कहीं हिमालय का वर्णन नहीं मिलता जैसा कि हमारे ग्रंथों में, फिर भी वह हिमालय के क्षेत्र को अपना मानता है । तिब्बत पर भी उसका दावा झूठा है । चीन के साथ हमारे संबंध कभी सहज नहीं बन सकते जब तक चीन भारत की भूमि पर काबिज रहता है और तिब्बत पर चीन का आधिपत्य समाप्त नहीं सकता ।
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