"हजारों करोड़ों रुपयों से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालयों (एनएसडी) जैसे बड़े संस्थान बनाने की अपेक्षा बेहतर क्षेत्रीय रंगमंचों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। बड़े नाट्य विद्यालय अपने संस्थानों की चार दीवारी में अपने छात्रों को उनके शिल्प से अवगत कराने में असफल रहे हैं। एनएसडी के छात्रों का यह दुखद तथ्य है, असल में रंगमंच करने वालों को प्रतिशत बहुत कम है, क्योंकि वे उस तरह की रियायती परिस्थतियों में रहते हैं। एक बार जब वे बाहर निकलते हैं और परिस्थिति की वास्तविकता देखते हैं तो वे कोई रंगमंच नहीं कर पाते।"-नसीरुद्दीन शाह, जाने-माने फिल्म एवं रंगमंच कलाकार
Wednesday, February 5, 2014
Nasiruddin shah:National School of Drama (नसीरुद्दीन शाह-एनएसडी)
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