Saturday, April 6, 2013

Communist: one man worship

दुनिया भर की कम्युनिस्ट पार्टियां अपनी पवित्र त्रयी यानी मार्क्स, एंजेल्स और लेनिन की जरा भी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकती। किसी बुर्जुआ लोकतंत्र के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की वैसी गुलामी की हद तक चाटुकारिता नहीं की गई जैसे कभी सोवियत संघ में जोसेफ स्टालिन की हुई थी।
आधुनिक वक्त में स्टालिन की व्यक्ति पूजा की बराबरी दो नेताओं की पूजा कर सकती है। पहले उत्तर कोरिया के किम इल सुंग और दूसरे चीन के माओत्से तुंग। कुछ भी कहें 60 के दशक में माओ के साथ जो चमत्कार जोड़े गए हैं वे आजकल के किसी हिंदू बाबा को बहुत पीछे छोड़ देते हैं।
-रामचंद्र गुहा 'दैनिक हिन्दुस्तान' में प्रकाशित लेख में

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