‘‘अफगानिस्तान में तालिबान के प्रतिरोध, पाकिस्तानी तालिबान द्वारा शरिया की अपनी व्याख्या को लागू करवाने का प्रयास करना, पाकिस्तान के भीतर कश्मीरी जेहादी ताकतों का काम करना, जातीय हिंसा और बलूचिस्तान में मताधिकार का मुद्दा ऐसे कारण हैं जो आतंकवाद तथा अराजकता के लिए जिम्मेदार हैं।’’
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की 11 मई को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए तैयार की गई एक विशेष वेबसाइट पर ‘नया पाकिस्तान प्लान’ नामक एक दस्तावेज में
(पाकिस्तान में भारत द्वारा प्रतिबंधित हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और अल-बद्र मुजाहिदीन जैसे संगठन पीओके में सरेआम अपनी गतिविधियां चला रहे हैं, लेकिन यहां के राजनीतिक दल इस तरह के संगठनों की मौजूदगी की बात को स्वीकार करने से इंकार करते रहे हैं)
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