Saturday, March 21, 2020

Place of India in Spice World Trade_मसाला व्यापार में भारत



संसार के मसाला व्यापार में भारत पहली पांत के देशों में से एक है। इसका कारण यह है कि भारत में अनेक प्रकार के मसालों का उत्पादन होता है।

हिंदुस्तान की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति होने के कारण यहां विभिन्न प्रकार की जलवायु, उष्णकटिबंध क्षेत्र से लेकर उपोष्ण कटिबंध तथा शीतोष्ण क्षेत्र तक, पाई जाती हैं। 


इसी वजह से यहां लगभग सभी तरह के मसालों का बढ़िया उत्पादन होता है। ऐसा देखा जाएं तो भारत के लगभग सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों क्षेत्रों में कोई-न-कोई विशिष्ट मसाला पाया है।


केंन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंर्तगत वर्ष 26 फरवरी 1987को गठित मसाला (स्पाइसेस) बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में कुल 52 मसाले आते हैं, जिनके विकास, प्रचार और निर्यात की जिम्मेदारी मसाला बोर्ड की है। मसाला बोर्ड का मुख्यालय केरल के कोच्चि शहर में स्थित है।

इन 52 मसालों में शामिल हैं, इलायची, कालीमिर्च, मिर्च, अदरक, हल्दी, धनिया, जीरा, बड़ी सौंफ, मेथी, सेलरी, सौंफ, अजोवन (मसाले का पौधा), काला जीरा, सोआ, दालचीनी, अमलतास (केसिया), लहसुन, करी पत्ता, कोकम, पुदीना, सरसों, अजमोद, अनारदाना, केसर, वेनिला, तेजपात, पीपला, स्टार एनीज, घोड बच (स्वीट फ्लैग), महा गलेंजा, होर्सरैडिश, केपर, लौंग, हींग, केंबोज, हिस्सप, जूनियर बेरी, बेपत्ता, लूवेज, मजोरम, जायफल, जावित्री (मेस), तुलसी, खसखस, आलस्पाइस, रोजमेरी, सेज, सेवरी, थाइम, ओरगेनो, टेरागन, इमली।

उल्लेखनीय है कि करी पाउडर, मसाले तेल, तैैलीराल एवं अन्य मिश्रण सहित किसी भी रूप में हो, जहां मसाला घटक प्रमुख है। जबकि आई एस ओ की सूची में 109 मसालों के नाम शामिल हैं।


No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...