Sunday, February 24, 2013
Ghalib:British
मुसलमान हूँ पर आधा : एक बार ग़ालिब को अंग्रेजों ने पकड़ लिया और सार्जेंट के सामने पेश किया। उनका वेश देखकर पूछा- क्या तुम मुसलमान हो? तब ग़ालिब ने जवाब दिया कि मुसलमान हूँ पर आधा, शराब पीता हूँ, सूअर नहीं खाता।
ग़ालिब ने जीवन को कोरे कागज पर दिल को कलम बनाकर दर्द की स्याही से जज्बात उकेरे। उनका फलसफा अलहदा था...
था कुछ तो खुदा था, कुछ न होता तो खुदा होता।
डुबोया मुझ को होने ने, न होता मैं तो क्या होता।
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