दक्षिण मुंबई के गामदेवी इलाके में स्थित मणिभवन से ही महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरूआत की। स्वदेशी आंदोलन भी यहीं से शुरू हुआ। 1917 से उन्होंने चरखा कातना शुरू किया। तब से लेकर चरखे के संग जब भी वे यहां आये, उनका साथ बना रहा। ग्वालिया टैंक (अब इसे अगस्त क्रांति मैदान कहा जाता है), यहां से मात्र 100 मीटर दूर है। गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत यहीं से की थी।
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