अगर आप अपने काम की पूजा करते हैं, तो आप को किसी की जी-हजूरी नहीं करनी पड़ती है. अगर आप अपने काम का तिरस्कार करते हैं, तो आपको सभी की चाकरी करनी पड़ती है. -एपीजे अब्दुल कलाम
अगर आप अपने काम की पूजा करते हैं, तो आप को किसी की जी-हजूरी नहीं करनी पड़ती है. अगर आप अपने काम का तिरस्कार करते हैं, तो आपको सभी की चाकरी करनी पड़ती है.
-एपीजे अब्दुल कलाम
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