history repeats itself (पहले दंगे-विभाजन फिर आजादी)
पहले दंगे-विभाजन फिर आजादी । राजनीति का रास्ता आज भी वही है बस पड़ाव अलग है. जैसे पहले दूसरा महायुद्ध जनविरोधी था, सोवियत संघ पर जर्मनी के आक्रमण के बाद जनयुद्ध हो गया और नेताजी तोजो के कुत्ते।अर्थ पुराने, सन्दर्भ नए।पहले अंग्रेज़ों के रहमो-करम पर थे और अब कांग्रेस के, कहाँ कुछ बदला। आखिर खून का रंग भी तो 'लाल' होता है..........
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