आप छोटी सोच के लोगों से, उनके ही मैदान में जीत नहीं सकते क्योंकि वे कब आपको अपनी नीचता के स्तर पर ले जाकर पटखनी दे देंगे, आपको पता ही नहीं चलेगा।
अब इसमें, आपके सामर्थ्य का कम और सोच का ज्यादा योगदान है, जो आप सोच नहीं सकते, उसे वे अंजाम दे देंगे, सो ऐसे नकारात्मक लोगों को कोस भर पहले से ही प्रणाम उचित रहता है।
दुनियादारी भी निभ जाती है और अपनी स्वयं की रक्षा भी हो जाती है, लगे हाथ।
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