Tuesday, July 9, 2013

Assam:Brahmputra


आहोम शासन में मुगलों को खदेड़ने में तुम्हारे ही शराईघाट में वीर लाचित बरफुकन ने जल युद्व कर विजयश्री प्राप्त की थी किन्तु आज असम तो क्या, लगता है, पूरे भारत में कोई ऐसा साहसी नहीं जो घुसपैठ के इस अजस्त्र प्रवाह को रोक सके । हे ब्रह्मपुत्र बाबा! आखिर तुम क्या चाहते हो ? माना कि तुम्हारा सागर मिलन बांग्लादेश के रास्ते होता है, तो क्या असम को भी तुम उसकी सीमा में तिरोहित हुआ देखना चाहते हो ? उस देश में बहते हुए तुमने भी तो सुगबुगाहट सुनी होगी कि वे बृहत्तर बांग्लादेश का सपना संजोये हैं और पूर्वोत्तर के प्रदेशों को घुसपैठियों की आबादी के चाकू से काटकर भारत से अलग कर देना चाहते हैं। किंतु क्या तुम ऐसा होने दोगे ? तुम बांग्लादेश के लिए एक नदी मात्र हो सकते हो परन्तु हमारे तो तुम प्रेरण स्त्रोत हो । हमारा सम्बन्ध तो तुमसे सहस्त्राब्दियों का है ।
(ब्रह्मपुत्र के किनारे किनारेः सांवरमल सांगानेरिया भारतीय ज्ञानपीठ)

No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...