मेरी समझ में वे लोग बेवकूफ हैं जो अंग्रेजी के चलते हुये समाजवाद कायम करना चाहते हैं| वे भी बेवकूफ हैं जो समझते हैं कि अंग्रेजी के रहते हुये जनतंत्र भी आ सकता है| हम तो समझते हैं कि अंग्रेजी के होते यहाँ ईमानदारी आना भी असंभव है| थोड़े से लोग इस अंग्रेजी के जादू द्वारा करोड़ों को धोखा देते रहेंगे|
- डॉ॰ राममनोहर लोहिया
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