Saturday, March 15, 2014

Remembrance of Mother (माँ की स्मृति)





माएँ कहाँ जाती हैं, 
परलोक? 
वह तो जीवित रहती है, 
अपनी संतानों में, 
स्मृति में अपनी नाती-पोते की, 
सदा-सदा एक ध्रुव तारे की तरह

(मेरी मां जो हर सांस में मुझे याद आती है, वो मर कैसे सकती है? Sanjay Sinha  को पढ़कर)

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