Friday, March 7, 2014

Run to Gujrat Ranchod das (रणछोड़दास)


शायद इसीलिए आप(णा) 'घर' छोड़ कर गुजरात जाने वाले 'ईश्वर' को 'रणछोड़दास' कहा जाता है.…
(राजस्थानी में 'आपणा' स्वयं को कहते है)
इस पर राजस्थानी का एक मुहावरा याद आया "खुद का पूत क्वारा फरे, दूजो को ब्याह मांडता फरे" मतलब अपने बेटे का विवाह हो नहीं रहा और दूसरों के बेटों का विवाह सम्बन्ध करवा रहे है.

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