Sunday, March 24, 2013
Brahmos:Press Club election
अच्छे विचारों का स्वागत किया जाना चाहिए नहीं तो यहाँ तो सबको ब्रह्मोस की तरह तोड़ने की तैयारी लगती है।
सुबह लाला की नौकरी और रात में क्रांति!
कौन किसको बेवकूफ बना रहा है या हम खुद ही भ्रम मे है। गले मे सबके पट्टा है,पटसन का है या सोने का क्या फर्क पड़ता है आखिर सच को कौन झुठला सकता है ।
लाख पते का सवाल है कि क्या अब ब्रह्मोस से प्रेस क्लब को मिला पैसा भी वापस करेगे, ब्रह्मोस का मॉडल तोड़ने वाले !
(सन्दर्भ: कल देर रात प्रेस क्लब के परिसर में रखी ब्रह्मोस मिसाइल के यह कहते हुए दो टुकड़े कर दिये कि यह मिसाइल जनद्रोही है)
(फोटो: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तिरुअनंतपुरम स्थित ब्रह्मोस परिसर में)
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