ऐतिहासिक भवनों का शहर दिल्ली, किसी जमाने में यहां पर राज करने वाले राजवंशों शासन की कहानी, उनसे जुड़ी घटनाओं और तत्कालीन समय की वास्तुकला की एक जीवंत झांकी हैं जो कि आज देश की राजधानी के नाते भारतीय राष्ट्रीयता का एक प्रतीक बन गई है ।
पर हैरानी कि बात यह है कि इस ऐतिहासिक शहर में पूरी शान शौकत और आराम से रहने वाले अधिकतर नागरिकों की सोच यह है कि इस शहर की ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण का दायित्व उनका न होकर सरकार का है ।
शायद यही कारण है कि इंडिया गेट के दोनों तरफ बने बागों में जुटने वाली लोगों की भीड़ हो या लालकिला के बाहर लगने वाली कतार उनका इस शहर से रिश्ता दिल का नहीं है और यह बात कोई दिल्लगी नहीं, हकीकत है । जिससे शायद ही कोई दिल्ली वाला इंकार कर सकें ।
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