Wednesday, March 27, 2013

hazari prasad dwvedi:bhanbhatt

बाणभट्ट की आत्मकथा हजारी प्रसाद द्विवेदी लिखित उपन्यास का नाम है। यह प्रथम पुरुष में लिखा गया एतिहासिक उपन्यास है. यह सातवी शताब्दी में राजा हर्ष के दौर के उतर भारत पर लिखा गया है, एक अदभुत और पठनीय किताब।
बाणभट्ट संस्कृत साहित्यकार एवं हर्षवर्धन के राजकवि थे। उनका समय सातवीं शताब्दी ई० है। इस समय संस्कृत साहित्य की बहुत उन्नति हुई। उनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं : हर्षचरित तथा कादम्बरी।
बाणभट्ट संस्कृत साहित्य में ही एक ऐसे महाकवि हैं जिनके जीवन चरित के विषय में पर्याप्त जानकारी मिलती है। बाह्य साक्ष्यों के आधार पर बाणभट्ट का समय सप्त शती पूर्वार्ध तथा थोड़ा सा उत्तरार्ध सिद्ध होता है।

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