जब वह हँसता है तो मन ही मन हँसता है बाहर से लगता है वह मुसकरा रहा है उसने अपने से घटिया लोगों को मित्र बनाया है
और उन्हें पहले से भी घटिया होने का मंत्र बताया है
वे उसकी इज्ज़त करते हैं उसको सब विख्यात जनों का कच्चा चिट्ठा मालूम है उसे सुनता है पर निन्दा नहीं किसी की करता है
इससे सब निर्भय होकर रस लेते हैं वे उसकी इज्ज़त करते हैं
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