केरल के मलप्पुरम जिले में कोट्टक्कल स्थित राजा उच्च एवं माध्यमिक विद्यालय के परिसर में मलयालम के जाने-माने लेखक और कार्टूनिस्ट ओवी विजयन की प्रतिमा के चेहरे को कट्टरपंथी और असामाजिक तत्त्वों ने तोड़ दिया।
ओवी विजयन की मूर्ति का अनावरण पिछली छब्बीस फरवरी को होना था।
लेकिन आइयूएमएल यानी इंडियन यूनियन मुसलिम लीग के बहुमत वाले कोट्टक्कल नगरपालिका इसके विरोध में थी, जिसके चलते कार्यक्रम रद्द कर दिया गया ।
क्या यही है देश के सर्वधिक्र साक्षर और सहिष्णु समझे जाने वाले कथित उदारवादी केरल की असली तस्वीर ?
इस मामले को लेकर बात बात में खुला पत्र लिखने वाले हिंदी के वीर साहित्यिक चारणों की चुप्पी सही में हैरतअंगेज़ है इस पर न कोई बोला और न ही किसी को कोई खतरा लगा क्यों न हो आखिर मौन भी तो एक तरह की स्वीकृति ही है ।
लाख टके का सवाल है कि आखिर हम विचारों की अभिव्यक्ति, कला-साहित्य के प्रति सम्मान, और स्वतंत्रता किसी भी तरह की सम्भावना से रहित कैसा प्रगतिशील समाज गढ़ रहे है ?
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