विश्वदाय स्मारक फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में वर्ष 1978 में एएसआइ ने उत्खनन कराया था। इस खुदाई में नौवीं और दसवीं सदी के 1200 पुरावशेष निकले थे। जिनमें प्राचीन मूर्तियां, बर्तन आदि शामिल थे। इनको रखने के लिए तब आगरा में उचित व्यवस्था नहीं थी, इसलिए इन्हें दिल्ली के पुराना किला म्यूजियम में रखवा दिया गया था। इसके बाद वर्ष 1999-2000 में एएसआइ ने फिर खुदाई कराई, इसमें प्राचीन काल की दर्जनों मूर्तियां निकली थीं। इनमें भी 10वीं शताब्दी की यक्षिणी की एक अद्वितीय प्रतिमा शामिल थी। कुछ मूर्तियां जैन धर्म की थीं। इनमें से भी ज्यादातर पुरावशेषों को अध्ययन के लिए दिल्ली भेजा गया था।
तब इनके प्रदर्शन के लिए फतेहपुर सीकरी में ही म्यूजियम बनवाया गया था। परंतु पुरावशेषों के दिल्ली से न आने चलते म्यूजियम अब तक शुरू नहीं हो पाया।
अब उत्खनन में जमीन के गर्भ से निकले इतिहास की कहानी बयां करने वाले 1200 से ज्यादा पुरावशेष वापस आगरा लौटेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) ने इसकी कागजी कार्रवाई कर ली है। अब इन पुरावशेषों के प्रदर्शन के लिए विभाग फतेहपुर सीकरी के म्यूजियम को अगले माह से शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
पुरावशेषों के प्रदर्शन के लिए सीकरी म्यूजियम की कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है। योजना के तहत म्यूजियम में चार मुख्य दीर्घाएं बनेंगी। एक दीर्घा में सीकरी क्षेत्र की गुफाओं में अंकित भित्ति चित्रों के फोटोग्राफ प्रदर्शित किए जाएंगे। जबकि एक में मुगल सम्राट अकबर के व्यक्तित्व को दर्शाया जाएगा। इसमें अकबर के पुराने चित्र, सिक्के, अस्त्र-शस्त्र आदि प्रदर्शित होंगे।
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