Friday, March 29, 2013
Language-Literature: kunwar narayan
साम्राज्य बिखरते हैं, लेकिन साहित्य कभी नहीं बिखरता। किसी भी देश के भौतिक विकास पर नजर डालें तो यह टूटता हुआ सा लग भी सकता है, लेकिन साहित्य में निरंतरता बनी रहती है। बड़े परिवर्तनों या विश्व युद्धों के बाद इतिहास लेखन विशेष जिम्मेदारी के साथ होनी चाहिए।
कुंवर नारायण, प्रसिद्ध हिन्दी कवि-आलोचक, साहित्य अकादमी के स्थापना दिवस पर
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