Friday, March 29, 2013

Khuswant Singh on women

‘मैं कभी भी उस भारतीय आदर्श को मान नहीं पाया कि महिलाओं को मां, बहन या बेटी के तौर पर देखें। उनकी चाहे जो उम्र रही हो, मेरे लिए वे वासना की वस्तु रहीं और हैं।’
-खुशवंत सिंह
अपनी नई किताब में ‘खुशवंतनामा: दी लेसन्स ऑफ माई लाइफ’में

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