जल में समेटे कई रंग
नदी करती है अपने संग
कई बातें
कुछ दूसरों की
कुछ अपनी
आपने देखी है क्या
कोई ऐसी नदी ?
उसमें डुबकी लगाने वाले
क्या खुद में ड़ूब पाते हैं
नाप पाते है क्या अंतस की गहराई
आपने देखी है क्या
कोई ऐसी नदी ?
सब किनारों से ही नमस्कार करके
किनारे हो जाते हैं
यह जानकर ज्यादा गहराई में जाने पर
अपने डूबने का खतरा है
आपने देखी है क्या
कोई ऐसी नदी ?
नदी तो मिल जाती है
सागर में
पूरी तरह डूबकर
एक हो जाती है
एकाकार हो जाती है
फिर हम ही क्यों झिझककर
किनारे ही अटक जाते है?
आपने देखी है क्या
कोई ऐसी नदी?
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