दिल्ली । या कहिए, पत्थर का पत्थर सा संवेदनशून्य शहर। वैसे, इसके नामकरण से जुड़ी एक तोमर वंशीय मान्यता यह है कि प्रसिद्ध 'लौह स्तंभ' की नींव ठीक से भरी नहीं गई, कील ढीली रह गई। सो, प्राकृत का 'ढिल्ली' बाद में दिल्ली हो गया। संभवत: दोनों ही बातों में कुछ सच है।
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