Thursday, March 28, 2013
CPI-Mohit Sen
मोहित सेन जब अपने कम्युनिस्ट दिनों को याद करते हैं, तो भारतीय मार्क्सवादी पंरपरा के बारे में एक बहुत ही मार्मिक टिप्पणी करते हैं, जो बाद के वर्षों में कम्युनिस्ट पार्टी के विकास के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा बन गयी। वह लिखते हैं ”यहाँ यह कह देना जरूरी है कि उन दिनों किसी कम्युनिस्ट नेता ने हमारी युवा मानसिकता को स्वयं भारत की महान परंपराओं और बौद्धिक योगदान की ओर ध्यान नहीं दिलाया जो हमारे देश के क्रान्तिकारी आन्दोलन और मार्क्सवाद के विकास के लिए इतना उपयोगी सिद्ध हो सकता था…हम कम्युनिस्ट अधिक थे भारतीय कम।”
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