अपनी गलती को तो आज का बुद्धिजीवी 'दर्शन' बताता है और दूसरे की गलती को 'दूरदर्शन' यानि दूसरे की गलती तो आलोचना का विषय है और अपनी चिरकुटई मानो जैसे कुछ भी नहीं । आप राजा से कुछ पाए तो बुद्धि का सम्मान और जनता को मिले तो पैसे की बर्बादी ।
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कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
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