आज सत्ता भी सेकुलरवाद पर एकांतिक अधिकार जमाए हुए है। जो राजसत्ता में नहीं है उसे सेकुलर कहलाने के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत है। जिसको वह लाइसेंस नहीं हासिल वह गैर-सेकुलर है और मनुष्यता की सूची से खारिज है। हां, उसे यह लाइसेंस तत्काल मिल जाएगा, यदि वह अपने को हिंदू कहना छोड़ दे अथवा वह प्रकट रूप में हिंदू शब्द से ज्ञापित होने वाल सांस्कृतिक प्रक्रिया को अपना कहना छोड़ दे । हिंदू नाम से जाने जानेवाले किसी भी विश्वास या मत के अलावा छूट है कि गैर हिंदू नाम के नाम से जाने जानेवाले किसी भी मत को कितनी भी कट्टरता से माने, वह पूरी तरह सेकुलर है । कोई मत न माने, केवल गैर हिंदू मत माननेवालों को देवता माने, वह शत प्रतिशत सेकुलर है ।
-विद्यानिवास मिश्र, होगी जय, होगी जय, हे पुरूषोत्तम नवीन ! (कितने मोरचे)
Sunday, August 18, 2013
Secularism: Vidya Niwas mishra
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