पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक बार कहा था, ‘‘सब कुछ इंतजार कर सकता है लेकिन कृषि नहीं।
जब भारत आजाद हुआ तब हमारी कृषि प्रणाली कम विकसित थी। खाद्यान्न का उत्पादन हर एक नागरिक के भोजन के लिए पर्याप्त नहीं था। आजादी से पूर्व, 1943 में हमारे देश ने विश्व की सबसे बदतरीन खाद्य आपदा—बंगाल के दुर्भिक्ष का सामना किया जिसमें लगभग पचास लाख लोग भूख से मरे थे। 1946 से 1952 के दौरान, हमने औसतन 30 लाख टन वार्षिक खाद्यान्न का आयात किया।
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