प्रेस के कायरतापूर्ण व्यवहार से मुझे बहुत हैरानी हुई, आघात पहुंचा । हमें जरा भी उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसे भीगी बिल्ली बनकर सेंसर व्यवस्था और अन्य अपमानजक शर्तों के समक्ष समर्पण कर देगा ।
-निर्मल वर्मा, आपातकाल के दौरान अपने अनुभव पर (संसार में निर्मल वर्मा संपादक गगन गिल)
No comments:
Post a Comment